बाबा तेरे फोटो ने,
मेरः इसी चढ़ा दी घोर,
तन्नै मैं टोहवता फिरूंं,
तन्नै मैं टोहवता फिरूंं।।
मैं मेहंदीपुर में आया,
मने सोची बाबा मिल गया,
बाबा का दर्शन करके,
मुरझाया मन भी खिल गया,
बाबा तेरी माला ने,
मेरा मन का पकड़ा चोर,
तन्नै मैं टोहवता फिरूंं,
तन्नै मैं टोहवता फिरूंं।।
मैं तीन पहाड़ पे आया,
ओ पंचमुखी का मारया,
तेरे बाल रूप ने बाबा,
मेरा जीवन बदल दिया सारा,
बाबा तेरी ज्योति ने,
मेरा इसा जमाया तौर,
तन्नै मैं टोहवता फिरूंं,
तन्नै मैं टोहवता फिरूंं।।
लाई समाधी की फेरी,
ॐ हनुमत जप के,
मेरी धीर बंधा बाला जी,
नैना तं आंसू टपके,
बाबा तेरी भगती ने,
कर दिया घना कठोर,
तन्नै मैं टोहवता फिरूंं,
तन्नै मैं टोहवता फिरूंं।।
तन्नै कौशिक पूजे जा स,
दया करिये घाटे आले,
अशोक भगत के बाबा,
तने सारे संकट टाले,
बाबा तेरी शक्ति ने,
मेरी ला राखी स लोर,
तन्नै मैं टोहवता फिरूंं,
तन्नै मैं टोहवता फिरूंं।।
बाबा तेरे फोटो ने,
मेरः इसी चढ़ा दी घोर,
तन्नै मैं टोहवता फिरूंं,
तन्नै मैं टोहवता फिरूंं।।
गायक – नरेंद्र जी कौशिक।
प्रेषक – राकेश कुमार जी
खरक जाटान 9992976579