बाबा थारो नाम सिमरू,
नाम सिमरु,
बेगो म्हने रुणिचे बुलाले,
पीरा थारा पांव पकडूं,
पांव पकडूं,
पगलिया रि सेवा मे लगाले,
घणो दुख पांवु धणिया,
घणो दुख पांवु धणिया,
म्हारे दुखड़े ने दूर भगादे,
खम्मा खम्मा बोलतो रेऊ,
बोलतो रेउ,
एड़ी म्हारी शक्ति जगायी दे।।
थारो मोटो नाम धणिया,
नाम धणिया,
दुनिया मे सब थाने ध्यावे,
रूणिचा मे आकर के,
आकर के पैदल धोख लगावे,
बाबा म्हारी बात सुनलो,
बाबा म्हारी बात सुनलो,
म्हारे हीड़दे भक्ति जगदो,
खम्मा खम्मा बोलतो रेऊ,
बोलतो रेउ,
एड़ी म्हारी शक्ति जगायी दे।।
मेंणादे रा लाल कंवरा,
लाल कंवरा,
बाई सुगणा रा हो थे बीरा,
भगता रे तन मन रा,
तन मन रा,
रोज मिटाओ थे पीड़ा,
भरु थारी हाजरी बाबा,
भरु थारी हाजरी बाबा,
थारे द्वारे माथे नोकरी लगादे,
खम्मा खम्मा बोलतो रेऊ,
बोलतो रेउ,
एड़ी म्हारी शक्ति जगायी दे।।
गुण थारो गावे हरिओम,
गावे हरिओम,
ओ करणी है थारो चेलो,
अवगुण माफ करदो,
माफ करदो,
थारी सरण मे म्हाने लेलो,
मन म्हारो तरस रियो,
मन म्हारो तरस रियो,
थारे मुखड़े रो दरस करादे,
खम्मा खम्मा बोलतो रेऊ,
बोलतो रेउ,
एड़ी म्हारी शक्ति जगायी दे।।
बाबा थारो नाम सिमरू,
नाम सिमरु,
बेगो म्हने रुणिचे बुलाले,
पीरा थारा पांव पकडूं,
पांव पकडूं,
पगलिया रि सेवा मे लगाले,
घणो दुख पांवु धणिया,
घणो दुख पांवु धणिया,
म्हारे दुखड़े ने दूर भगादे,
खम्मा खम्मा बोलतो रेऊ,
बोलतो रेउ,
एड़ी म्हारी शक्ति जगायी दे।।
Sent By – Pandit hariom Upadhyay
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