जब दिल मेरा घबराता है,
मेरा बाबा दौड़ा आता है,
बाबोसा आ जाता है सामने,
मेरा बाबा आ जाता है सामने।।
तर्ज – कुछ गीत लबो पे सजते है।
मेरे जीवन में गमो ने,
जब भी डाला डेरा है,
सुख का सूरज बनके बाबा,
लाया नया सवेरा है,
जो इनके भरोसे चलते है,
ये उनके अंग संग में रहते है,
बाबोसा आ जाता हैं सामने,
मेरा बाबा आ जाता है सामने।।
स्वार्थ के संसार में,
बाबोसा तेरा सहारा है,
एक नही लाखो भक्तो का,
जीवन तूने संवारा है,
जब चिंता कोई सताती है,
कोई राह नजर न आती है,
बाबोसा आ जाता हैं सामने,
मेरा बाबा आ जाता है सामने।।
जिसको सच्चे दिल से,
‘दिलबर‘ बाबा पे एतबार है,
घर उनके बाबा की कृपा से,
खुशियों का भंडार है,
बाबोसा नाम ये प्यारा है,
‘शैलू’ ये सबका सहारा है,
बाबोसा आ जाता हैं सामने,
मेरा बाबा आ जाता है सामने।।
जब दिल मेरा घबराता है,
मेरा बाबा दौड़ा आता है,
बाबोसा आ जाता है सामने,
मेरा बाबा आ जाता है सामने।।
गायक – शेलेन्द्र मालवीया।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
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