बाबोसा की कृपा जो,
भक्तो पे बरसती है।
दोहा – बाबोसा की भक्ति में,
जो डूब जाते है,
बनके बाबोसा के प्रेमी,
जग में सम्मान पाते है।
बाबोसा के रूप में,
बाईसा हमको मिले है,
देखो इनकी आंखों में,
बाबोसा नजर आते है,
बाबोसा नजर आते है।
बाबोसा की कृपा जो,
भक्तो पे बरसती है,
जिसे पाने को सारी,
दुनिया तरसती है।।
इस कलयुग में कृपा है,
बड़ी अनमोल,
गर चाहत है तुझको तो,
जय बाबोसा बोल,
जो बाबोसा प्रेमी है,
उनके संग में रहती है,
बाबोसा की कृपा जों,
भक्तो पे बरसती है।।
इस कृपा को पाने को,
नर नारी आते है,
कोई चूरू कोई दिल्ली,
कलकत्ता जाते है,
ये मिलती उन्ही को,
जिनकी बाबा से प्रीति है,
बाबोसा की कृपा जों,
भक्तो पे बरसती है।।
बाईसा जहां आई,
बाबोसा भी आएंगे,
अपनी कृपा भक्तो पे,
फिर वो लुटाएंगे,
एक नही लाखो की,
यहाँ बिगड़ी सँवरती है,
बाबोसा की कृपा जों,
भक्तो पे बरसती है।।
भक्ति में मस्त होकर,
कर बाबा का गुणगान,
बाबोसा करेगे पूरे,
जो दिल मे है अरमान,
‘दिलबर’ ये तेरी कृपा,
रग रग में बहती है,
बाबोसा की कृपा जों,
भक्तो पे बरसती है।।
बाबोसा की कृपा जों,
भक्तो पे बरसती है,
जिसे पाने को सारी,
दुनिया तरसती है।।
गायक – श्री पी. गणेश (प्ले बेक सिंगर)
लेखक / प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
9907023365