बाबोसा की ये खुमारी,
अब चढ़ने लगी,
क़िस्मत की लकीरें,
अब बदलने लगी,
भीड़ भक्तो की अब तो,
उमड़ने लगी,
मेरी किस्मत अब तो,
बदलने लगी,
हो.. तेरे दर पे खड़ा,
चरणों मे पड़ा,
रुख मेरी ओर करले जरा,
बाबोसा मैं तेरा,
मैं तेरा लाडला,
मैं तेरा लाडला।।
तर्ज – सौदा खरा खरा।
तू ही नाथ मेरा,
हाथो में हाथ तेरा,
डाला दर पे तेरे डेरा,
हुआ तेरा दीदार,
अब होगी नही हार,
कभी टूटे ना भरोसा मेरा,
तू जो हो मेहरबाँ,
होवे दिल बागवाँ,
तुमसे रिस्ता पुराना मेरा,
बाबोसा मै तेरा,
मैं तेरा लाडला,
मैं तेरा लाडला।।
होगा तुमसे मिलन,
धन्य होगा ये जीवन।
तब जागेगा भाग्य मेरा,
सामने होगा तू,
होगी पूरी आरजू,
एहसान होगा ‘दिलबर’ तेरा,
तू जो हो मेहरबाँ,
होवे दिल बागवाँ,
तुमसे रिस्ता पुराना मेरा,
बाबोसा मै तेरा,
मैं तेरा लाडला,
मैं तेरा लाडला।।
बाबोसा की ये खुमारी,
अब चढ़ने लगी,
क़िस्मत की लकीरें,
अब बदलने लगी,
भीड़ भक्तो की अब तो,
उमड़ने लगी,
मेरी किस्मत अब तो,
बदलने लगी,
हो.. तेरे दर पे खड़ा,
चरणों मे पड़ा,
रुख मेरी ओर करले जरा,
बाबोसा मैं तेरा,
मैं तेरा लाडला,
मैं तेरा लाडला।।
गायक – दिव्यांश वर्मा मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’
नागदा जक्शन म.प्र.
9907023365
https://youtu.be/lRg4AL_sjsw