बाबोसा म्हारा आओ नी सा,
पधारो नी म्हारे देश।।
तर्ज – केसरिया बालमा।
बाट निहारु आपरी,
तो तरस रहिया म्हारा नैन,
वेगा पधारो बाबोसा,
नही था बिन म्हाने चेन,
बाबोसा म्हारा आओ नी,
पधारो नी म्हारे देश।।
कठे इतणी देर लगाई हो बाबोसा,
भगत रहवे कय्या दूर,
हो माह सगला री अरज है थांसु,
दर्शन देवो बाबोसा हो,
थारे बिन सुणो म्हारो,
मन रो मन्दिरयो,
रहसी कय्या तू महासू दूर हो।।
थांसु मिलण रो चाव घनेरो,
आवे थारी ओल्यु बाबोसा हो,
“दिलबर” करे थांसु अर्ज बाबोसा,
भगत रहवे कंय्या दूर हो,
कठे इतणी देर लगाई हो बाबोसा,
भगत रहवे कय्या दूर।।
बाबोसा म्हारा आओ नी सा,
पधारो नी म्हारे देश।।
गायिका – रिया जैन।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365
प्रेषक – अजय जी गोलछा हैदराबाद।