तुमसा बाबोसा ना है और कोई,
दिल बिच रहन्दा,
है मेरे बस एक तू ही,
बाबोसा अपना बना तूने,
करदी है मुझपे,
जो महरबानियाँ,
तेरे ही इशारो से चली,
मेरी जिंदगी,
छू रही है बुलन्दियाँ,
बाबोसा तेरा करूँ शुक्रिया,
तुझे भूले से भी न भूल पांऊँ,
जुबा पे मेरी तेरा जिक्र हो,
हर जन्म बस तेरा साथ पांऊँ।।
तर्ज – केसरिया तेरा।
टलती तेरी कृपा से,
मुश्किल हो चाहे जैसी,
जीत हो हरदम मेरी,
तूने दी शक्ति ऐसी,
कांटे चुनकर राहों से,
फूलो की सेज बिछाई,
कोई समझ न पाये,
ये प्रीत है कैसी,
छोड़ू न दामन में ये तेरा,
तेरे ही नाम लिखदी,
ये जिन्दगानियाँ,
तेरे ही इशारो से चली,
मेरी जिंदगी,
छू रही है बुलन्दियाँ,
बाबोसा तेरा करूं शुक्रिया,
तुझे भूले से भी न भूल पांऊँ,
जुबा पे मेरी तेरा जिक्र हो,
हर जन्म बस तेरा साथ पांऊँ।।
चंदा के संग चकोर,
दीप के संग हो बाती,
वैसे ही बाबोसा तुम,
रहना संग दिन और राती,
जब भी जन्म हो मेरा,
है मेरी बस ये तमन्ना,
साथ रहे हम जैसे,
सीप ओर मोती,
ख्वाहिशें करता मेरी पूरी,
‘दिलबर’ है तू ही,
मेरी अब दुनियाँ,
तेरे ही इशारो से चली,
मेरी जिंदगी,
छू रही है बुलन्दियाँ,
बाबोसा तेरा करूँ शुक्रिया,
तुझे भूले से भी न भूल पांऊँ,
जुबा पे मेरी तेरा जिक्र हो,
हर जन्म बस तेरा साथ पांऊँ।।
गायक – दिव्यांश वर्मा मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365