बाबोसा तेरी भक्ति करके,
हुई मैं बावरियाँ,
चूरू वाले कब आओगे,
भक्तो की नगरियाँ।।
तर्ज – रामा रामा रटते।
सांझ सवेरे बाबोसा मैं,
तेरी बाट निहारु,
फूल बिछाकर राहो में मैं,
ॐ बाबोसा पुकारु,
दर्शन देकर पावन करदो,
मेरी ये झुपड़ियाँ,
बाबोसा तेरीं भक्ति करके,
हुई मैं बावरियाँ।।
घर में है एक मंदिर प्यारा,
उसमे मूरत तुम्हारी,
मूरत से अब जी नही भरता,
दिखलादो छवि प्यारी,
प्रेम भक्ति से भरदो बाबोसा,
मन की गगरियाँ,
बाबोसा तेरीं भक्ति करके,
हुई मैं बावरियाँ।।
आयेंगे जब बाबोसा मैं,
मन ही मन हर्षाऊँगी,
श्रद्धा भक्ति से में उनके,
चरण शीश नमाउँगी,
उनकी भक्ति में ये दिलबर,
बिते ये उमरियाँ,
बाबोसा तेरीं भक्ति करके,
हुई मैं बावरियाँ।।
बाबोसा तेरी भक्ति कर के,
हुई मैं बावरियाँ,
चूरू वाले कब आओगे,
भक्तो की नगरियाँ।।
गायिका – ममता उपाध्याय मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365
प्रेषक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
(म्यूजिक डायरेक्टर एवम कंपोजर)
मो . 98209 47184