बड़े भाग से मिली मुझे,
ठाकुर की ये गली,
होगा क्या जब मिलेंगे वो,
होगा क्या जब मिलेंगे वो,
दिल में है खलबली,
बडे भाग से मिली मुझें,
ठाकुर की ये गली।।
पगला हूँ मैं तो श्याम का,
चितचोर वो मेरा,
रज धूल उसके पाँव की,
सिरमौर वो मेरा,
देखो उसी से खिल रही,
देखो उसी से खिल रही,
दिल की कली कली,
बडे भाग से मिली मुझें,
ठाकुर की ये गली।।
उसको निहार लूँ तो मेरी,
आंखें धन्य हो,
हंस के गले लगा ले मुझे,
जीना धन्य हो,
होंगी वहाँ विराजती,
होंगी वहाँ विराजती,
वृषभानु की लली,
बडे भाग से मिली मुझें,
ठाकुर की ये गली।।
अंदाज कैसा होगा बड़ा,
सोच मगन हूँ,
मिलना तो हो रहा है मेरा,
मैं प्रसन्न हूँ,
‘लहरी’ सभी वो जानता,
‘लहरी’ सभी वो जानता,
बाते जो बन चली,
बडे भाग से मिली मुझें,
ठाकुर की ये गली।।
बड़े भाग से मिली मुझे,
ठाकुर की ये गली,
होगा क्या जब मिलेंगे वो,
होगा क्या जब मिलेंगे वो,
दिल में है खलबली,
बडे भाग से मिली मुझें,
ठाकुर की ये गली।।
Singer – Uma Lahri Ji