बड़ी दूर से चलकर आया हुँ,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए।।
तर्ज – आवारा हवा का झोका हूँ।
ना रौली मोली चावल है,
ना धन दौलत की थैली है,
ना रौली मोली चावल है,
ना धन दौलत की थैली है,
दो आंसू बचाकर लाया हूँ,
बस पूजा तेरी करने के लिए।।
ना रंग महल की अभिलाषा,
ना इच्छा सोने चांदी की,
ना रंग महल की अभिलाषा,
ना इच्छा सोने चांदी की,
तेरी दया की दौलत काफी है,
झोली मेरी भरने के लिए,
बड़ी दूर से चलकर आया हूँ,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए।।
मेरे बाबा मेरी इच्छा नही,
अब यहाँ से वापस जाने की,
मेरे बाबा मेरी इच्छा नही,
अब यहाँ से वापस जाने की,
चरणों में जगह दे दो थोड़ी,
मुझे जीवन भर रहने के लिए,
बड़ी दूर से चलकर आया हू,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए।।
बड़ी दूर से चलकर आया हूँ,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए।।
स्वर – सोना जाधव।