बही कैसे गंगा लहर धीरे धीरे,
बहीं कैसे गंगा लहर धीरे धीरे।।
तर्ज – चली जा रही है उमर धीरे।
हरिद्वार में कैसी शोभा सी माता,
हरिद्वार में कैसी शोभा सी माता,
पहाड़ों से आई उतर धीरे धीरे,
पहाड़ों से आई उतर धीरे धीरे,
बहीं कैसे गंगा लहर धीरे धीरे।bd।
बड़े भाग उनके जो तेरे किनारे,
बड़े भाग उनके जो तेरे किनारे,
बसाए गए है शहर धीरे धीरे,
बसाए गए है शहर धीरे धीरे,
बहीं कैसे गंगा लहर धीरे धीरे।।
अनेकों की बिगड़ी माँ तूने बनाई,
अनेकों की बिगड़ी माँ तूने बनाई,
मेरी भी ले लो खबर धीरे धीरे,
मेरी भी ले लो खबर धीरे धीरे,
बहीं कैसे गंगा लहर धीरे धीरे।bd।
बही कैसे गंगा लहर धीरे धीरे,
बहीं कैसे गंगा लहर धीरे धीरे।।
Singer – Anuja Bharti