माँ की तरह जिसने,
प्यार दिया है,
बाईसा ने जीवन मेरा,
संवार दिया है,
ममता का अपनी हमें,
अधिकार दिया है,
बाईसा नें जीवन मेरा,
संवार दिया है।।
तर्ज – कहे तोसे सजना।
चरणों मे बाईसा के,
शीश जब झुकाऊँ,
चरणों मे बाईसा के,
शीश जब झुकाऊँ,
प्यार में जहाँ का,
बाईसा से पाऊँ,
खुशियों भरा ये मुझको,
उपहार दिया है,
बाईसा नें जीवन मेरा,
संवार दिया है।।
उंगली पकड़ जिसने,
ये संसार दिखाया,
उंगली पकड़ जिसने,
ये संसार दिखाया,
बाबोसा से मिलने का,
रस्ता बताया,
ऐसी करुणामयी माँ का,
दिल से शुक्रिया है,
बाईसा नें जीवन मेरा,
संवार दिया है।।
हम है तुम्हारे बाईसा,
आप हो हमारे,
हम है तुम्हारे बाईसा,
आप हो हमारे,
भजन लिख रहा ‘दिलबर’,
आप के सहारे,
आपने ही बाबोसा का,
परिवार दिया है,
बाईसा नें जीवन मेरा,
संवार दिया है।।
माँ की तरह जिसने,
प्यार दिया है,
बाईसा ने जीवन मेरा,
संवार दिया है,
ममता का अपनी हमें,
अधिकार दिया है,
बाईसा नें जीवन मेरा,
संवार दिया है।।
गायिका – कृष्णा विजयवर्गीय।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365