बजरंग बाला थारो नाम,
जगत में मोटो छः,
थाका मुख में नागर पान,
हाथ में घोटो छः।।
मात सिया की सुध लेबा ताई,
पहुंच गया गड लंका माई,
कुदयो सात समुद्र पार,
रावण को परकोटो छः।।
मात सिया की झोली माई,
जाकर के अंगूठी गिराई,
माता सुण म्हारो प्रणाम,
जाणो भी मन ओठो छः।।
फल खाबा की आग्या लिनी,
मात सिया बीन समझा दिनी,
लंका को राकक्ष देख,
रावण खोटो छः।।
लंका में बालों आग लगाई,
समुद्र जाकर पुंछ भुजाई,
हनुमान सहाय की अरदास,
भगत घर टोटो छः।।
बजरंग बाला थारो नाम,
जगत में मोटो छः,
थाका मुख में नागर पान,
हाथ में घोटो छः।।
गायक – बुद्धि प्रकाश सैन।
प्रेषक – भंवर लाल जोबनेर
9784516432