बजरंगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए,
लक्ष्मण को लगी शक्ति,
लक्ष्मण को लगी शक्ति,
संजीवनी ले आए,
बजरँगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए।।
श्री राम की सेना में,
जब शोक लहर दौड़ी,
तब वैद्य शुषेण को तुम,
तब वैद्य शुषेण को तुम,
लंका से बुला लाए,
बजरँगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए।।
सभा बीच विभीषण ने,
जब तुमको ललकारा,
तब फाड़ दिया सीना,
तब फाड़ दिया सीना,
सियाराम दिखलाए,
बजरँगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए।।
सिता की खोज करी,
लंका को जला डाला,
बलबुद्धि का परिचय,
बलबुद्धि का परिचय,
तुम सब को बतलाए,
बजरँगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए।।
बजरंगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए,
लक्ष्मण को लगी शक्ति,
लक्ष्मण को लगी शक्ति,
संजीवनी ले आए,
बजरँगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए।।
स्वर – रवि राज।