बालाजी का परम भगत,
मेरा गुरु मुरारी सै,
इसके संग मैं खाटु आला,
श्याम बिहारी सै।।
मेहंदीपुर के बालाजी का,
भवन बनाया सै,
थारे चरणा मैं अर्पण कर दी,
अपनी काया सै,
हरियाणे मैं सबतै पहंला,
यो दरबारी सै,
इसके संग मैं खाटु आला,
श्याम बिहारी सै।।
दीन दुखी और रोगी न यो,
भवन में डाटणीया,
गुरु मुरारी लाल मेरा तो,
संकट काटणीया,
उसके दर पै जाकै नै,
सब कटै बिमारी है,
इसके संग मैं खाटु आला,
श्याम बिहारी सै।।
गुरु मुरारी लाल मनै यो,
राम दिखाई दे,
स्वर्ग बराबर बाबा का मनै,
धाम दिखाई दे,
समचाणे के ब्राह्मण की,
यह लीला न्यारी सै,
इसके संग मैं खाटु आला,
श्याम बिहारी सै।।
भक्त शिरोमणि तै कैसा जो,
रास्ता दे गया रै,
बलीराम ज्ञान का यो,
बस्ता दे गया रै,
बिट्टू शर्मा उन्हें बनाया,
यो दरबारी सै,
इसके संग मैं खाटु आला,
श्याम बिहारी सै।।
बालाजी का परम भगत,
मेरा गुरु मुरारी सै,
इसके संग मैं खाटु आला,
श्याम बिहारी सै।।
गायक – सत्यनारायण शर्मा सिरसल।
8221004500