हो के बुझेगा मन की बाबा,
मेरा रूस गया भगवान,
बालाजी मन्नै रस्ता दे दे,
हो बाबा मन्नै रस्ता दे दे,
तेरा गुण भुलुं ना श्यान।।
इन भुतां ने हो मेरे बाबा,
मेरी करदी रे रे माटी,
बाबा हो मेरा कोए नहीं स,
मेरी दुख मे पाटः छाती,
कोए नहीं स मेरा हिमाती,
इब तुँ ही बचाले जान,
हो बाबा मन्नै रस्ता दे दे,
तेरा गुण भुलुं ना श्यान।।
कोए नहीं मेरा भाई चारा,
मैं आण पड़या सुं दर प,
बाबा हो मेरी धीर बंधादे,
मेरः हाथ टेकदे सिर प,
आण पड़या सुँ तेरे दर प,
यो नफरत करः जहान,
हो बाबा मन्नै रस्ता दे दे,
तेरा गुण भुलुं ना श्यान।।
तेरे मंदिर की महिमा न्यारी,
मैं न्युए सुण क आया,
बाबा हो मन्नै गले लगाले,
मैं दुनिया ने ठुकराया,
हो अंजनी माँ का लाल बताया,
तुँ राम भक्त हनुमान,
हो बाबा मन्नै रस्ता दे दे,
तेरा गुण भुलुं ना श्यान।।
तेरे भवन में हो मेरे बाबा,
ये सभी देवता आ रे,
प्रेतराज और भैरव बाबा,
भुतां ने हुक्म सुणा रे,
गुरू मुरारी समचाणे में,
तेरी जोत जगै सुबह शाम,
हो बाबा मन्नै रस्ता दे दे,
तेरा गुण भुलुं ना श्यान।।
हो के बुझेगा मन की बाबा,
मेरा रूस गया भगवान,
बालाजी मन्नै रस्ता दे दे,
हो बाबा मन्नै रस्ता दे दे,
तेरा गुण भुलुं ना श्यान।।
प्रेषक – राकेश कुमार खरक जाटान,
9992976579