बली पे चढ़ायो बेटो लाड़लो,
दोहा – जाय मशाना झाल दे,
मात लाल की लाश,
उजड वन में भटक रही,
उदय बचावन आज।
बली पे चढ़ायो बेटो लाड़लो,
बली पे चढायो बेटो लाडलो,
धिन धिन ये पन्ना,
वंश बचायो धणी मेवाड़ रो,
धिन धिन ये पन्ना,
वंश बचायो धणी मेवाड़ रो,
करीयो कुरबान वंश आपरो,
करीयो कुरबान वंश आपरो,
रंग रंग ये पन्ना,
कर्ज चुकायो तू स्वराज रो,
रंग रंग ये पन्ना,
कर्ज चुकायो तू स्वराज रो।।
झूल्यो रेशम रे झूले,
ढुलता ही चंवर सदा ही,
पाला ऊलबाणा चाले,
तपते तावडिये माही,
देखो होनी अनहोनी,
आज मेवाड़ रो धणी,
दर दर पर आसरे ढूंढे,
अर्ज कोई न सुनी,
मार्ग मिल्यो कांटो झाड रो,
मार्ग मिल्यो कांटो झाड रो,
धिन धिन ये पन्ना,
वंश बचायो धणी मेवाड़ रो,
धिन धिन ये पन्ना,
वंश बचायो धणी मेवाड़ रो।।
वाक्य – कुम्भलगढ़ दादा किलो,
आसाशाह कामदार,
पन्ना कर रही विनती,
शाहा झोले आपतवार।
उदय धणी मेवाड़ रो,
आयो थारे द्वार,
मौको स्वामी भक्ति को,
शाह मिले न बारम्बार।
डरतोडो बन वीर सु,
शाह करदे वो इनकार,
नाक निशा से गुजरी,
मुरझायी मन मार।
आसाशाह की मावडी,
उभी डोकरी लार,
उर उदय लगाय के,
भरी वा हुंकार।
पन्ना मन थावस भयो,
छलकी नैणा प्रीत,
कुंंवर उदय ने सौंप के,
नेछे भयी मन चित।
आसाशाह जात रो जैनी,
बणियासी रहनी सहनी,
उदय सिसोदिया शूरो,
छुपाया लाख छुपेनी,
अस्त्र शस्त्र नित ताणे,
घुडला नित नवा पालाने,
कायर कायरता नाही,
जुद्ध ने जो उच्छव जाने,
सुलझातो मार्ग नित उलझाड रो,
सुलझातो मार्ग नित उलझाड रो,
धिन धिन ये धायड,
कर्ज चुकायो तू स्वराज रो,
धिन धिन ये पन्ना,
वंश बचायो धणी मेवाड़ रो।।
बली पे चढायो बेटो लाडलो,
धिन धिन ये पन्ना,
वंश बचायो धणी मेवाड़ रो,
धिन धिन ये पन्ना,
वंश बचायो धणी मेवाड़ रो,
करीयो कुरबान वंश आपरो,
करीयो कुरबान वंश आपरो,
रंग रंग ये पन्ना,
कर्ज चुकायो तू स्वराज रो,
रंग रंग ये पन्ना,
कर्ज चुकायो तू स्वराज रो।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818