बन गई बन गई जोगनिया,
मैं तो अपने श्याम की,
मैं गिरधर की गिरधर मेरा,
मैं गिरधर की गिरधर मेरा,
दुनिया नहीं किसी काम की,
बन गयी बन गयी जोगनिया,
मैं तो अपने श्याम की।।
अजर अमर साजन है मेरा,
मैं हूँ उनकी साजनिया,
मेरी और मोहन की बातें,
क्या समझेगी ये दुनिया,
मैं बैरागन मैं मस्तानी,
मैं बैरागन मैं मस्तानी,
हो गई उसके नाम की,
बन गयी बन गयी जोगनिया,
मैं तो अपने श्याम की।।
छोड़ दिए मैंने कुटुंब कबीले,
छोड़ दिए दुनियादारी,
मेरे सर्वस्व जीवन धन है,
सांवल सा गिरवरधारी,
छोड़ जगत मैंने राह पकड़ ली,
छोड़ जगत मैंने राह पकड़ ली,
श्री वृन्दावन धाम की,
बन गयी बन गयी जोगनिया,
मैं तो अपने श्याम की।।
लाखों बोल सहे पर मेरे,
कदम ना पीछे हट पाए,
व्याकुल होकर ‘चित्र विचित्र’ का,
मन गिरधर गिरधर गाए,
बनकर पागल नाचू छम छम,
बनकर पागल नाचू छम छम,
पायल बाजे पाँव की,
Bhajan Diary Lyrics,
बन गयी बन गयी जोगनिया,
मैं तो अपने श्याम की।।
बन गई बन गई जोगनिया,
मैं तो अपने श्याम की,
मैं गिरधर की गिरधर मेरा,
मैं गिरधर की गिरधर मेरा,
दुनिया नहीं किसी काम की,
बन गयी बन गयी जोगनिया,
मैं तो अपने श्याम की।।
स्वर – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।
ये भी देखें – मैं तो अपने श्याम की दीवानी।