श्याम तेरो रूप मन भायो,
जियो हरषायो,
कुण म्हारे श्याम ने सजायो,
बनड़ो सो लागे लागे म्हारो श्याम,
बनडो सो लागे लागे म्हारो श्याम।।
तर्ज – पग पग दीप जलाएं।
मोर मुकुट माथे पे चमके,
कुण्डल भी काना मा दमके,
केसर चन्दन लगायो जमके,
सोणो सोणो तिलक लगायो,
और सुरमो घलायो,
कुण म्हारे श्याम ने सजायो,
बनडो सो लागे लागे म्हारो श्याम।।
खूब खिल्यो है बागे को रंग,
आज तेरो निरालो है ढंग,
देखे है जो भी रह जावे है वो दंग,
मोटा मोटा गजरा पहरायो,
छतर लटकायो,
कुण म्हारे श्याम ने सजायो,
बनडो सो लागे लागे म्हारो श्याम।।
बहोत घणो लगायो है इतर,
सज धज के बैठ्यो है ज्यू कुंवर,
लुणराई वारो लग जावे ना नजर,
आज म्हारे आनंद छायो,
और चाव है सवायो,
कुण म्हारे श्याम ने सजायो,
बनडो सो लागे लागे म्हारो श्याम।।
अद्भुत है सज्यो श्रृंगार,
मूलक रह्यो है लखदातार,
नैना माहि छलक रह्यो प्यार,
‘बिन्नू’ जो भी दर्शन पायो,
वो दुखड़ा भुलायो,
Bhajan Diary Lyrics,
कुण म्हारे श्याम ने सजायो,
बनडो सो लागे लागे म्हारो श्याम।।
श्याम तेरो रूप मन भायो,
जियो हरषायो,
कुण म्हारे श्याम ने सजायो,
बनड़ो सो लागे लागे म्हारो श्याम,
बनडो सो लागे लागे म्हारो श्याम।।
Singer – Balkishan Sharma