बंगला दिया गाड़ी दी,
कारोबार दिया,
दौलत दी शोहरत दी,
अच्छा परिवार दिया,
छोड़ी नही कमी मैया,
मेहर बरसाने में,
किस्मत वाला हूँ ये,
चर्चा है ज़माने में,
फिर भी रहूँ मैं परेशान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ।।
कुछ भी नहीं था पास मेरे तब,
दर पे तेरे आता था,
विनती करता आहें भरता,
तुझको अजमाता था,
धीरे धीरे जो चाहा वो पाता गया,
लोभ मोह में चित मेरा भरमाता गया,
हो गया ये मन बेईमान मेरी माँ,
हो गया ये मन बेईमान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ।।
तेरी दया से माँ मैंने कई,
लाख करोड़ कमाए,
एक नही कमाई नाम की दौलत,
अब ये समझ में आए,
इक पल का भी चैन नहीं आराम नही,
धन मेरे पास में है पर तेरा नाम नही,
सच को गया हूँ पहचान मेरी माँ,
सच को गया हूँ पहचान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ।।
भटक गया था लाल तुम्हारा,
शरण तेरी आया है,
माँ तेरे दर पे आके ‘लख्खा’,
झोली फैलाया है,
हो गई जो भूल जाओ भूल मेरी माँ,
झोली में डालो चरणों की धुल मेरी माँ,
कर दो ‘सरल’ पे अहसान मेरी माँ,
कर दो ‘सरल’ पे अहसान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ।।
बंगला दिया गाड़ी दी,
कारोबार दिया,
दौलत दी शोहरत दी,
अच्छा परिवार दिया,
छोड़ी नही कमी मैया,
मेहर बरसाने में,
किस्मत वाला हूँ ये,
चर्चा है ज़माने में,
फिर भी रहूँ मैं परेशान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ।।
स्वर – लखबीर सिंह लख्खा जी।
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