बनकर अगर सुदामा,
तू श्याम दर पे आए,
तुझको उठा ज़मीं से,
कान्हा फ़लक बिठाए,
बनकर अगर सूदामा,
तू श्याम दर पे आए।।
कहीं ये गुरूर तेरा,
तुझे ख़ाक ना बना दे,
दो आंसू गर बहा दे,
तुझे सांवरा हंसाए,
बनकर अगर सूदामा,
तू श्याम दर पे आए।।
ऐ उड़ते हुए परिंदे,
पंखो का क्या भरोसा,
इसकी रज़ा है जब तक,
तब तक ये फड़फड़ाये,
बनकर अगर सूदामा,
तू श्याम दर पे आए।।
आज़माया इश्क़ जिसने,
वो श्याम पर फ़िदा है,
‘बिट्टू’ मेहर को श्याम की,
क्यों ना तू आज़माए,
बनकर अगर सूदामा,
तू श्याम दर पे आए।।
बनकर अगर सुदामा,
तू श्याम दर पे आए,
तुझको उठा ज़मीं से,
कान्हा फ़लक बिठाए,
बनकर अगर सूदामा,
तू श्याम दर पे आए।।
Singer – Chetan Jayaswal