बंसी वाले बुला ले मुझे भी,
दर पे आने के काबिल नहीं हूँ,
मैं गुनेहगार हूँ माफ़ करना,
सर झुकाने के काबिल नहीं हूँ,
बँसी वालें बुला ले मुझें भी,
दर पे आने के काबिल नहीं हूँ।bd।
तर्ज – वृन्दावन के ओ बांके बिहारी।
गर्दिशों में घिरा हूँ मैं ऐसा,
जैसे तारों में चंदा घिरा है,
जुल्म करता है कितना जमाना,
जुल्म करता है कितना जमाना,
ये बताने के काबिल नहीं हूँ,
बँसी वालें बुला ले मुझें भी,
दर पे आने के काबिल नहीं हूँ।bd।
झुक के अब आँखें पथरा गई है,
रहा नहीं है किसी पर भरोसा,
जिंदगी मौत से लड़ रही है,
जिंदगी मौत से लड़ रही है,
सर हिलाने के काबिल नहीं हूँ,
बँसी वालें बुला ले मुझें भी,
दर पे आने के काबिल नहीं हूँ।bd।
दिल में आ जाओ मेहमान बनकर,
विनती है कान्हा तुमसे हमारी,
दर्द दिल में उठाए जी रहा हूँ,
दर्द दिल में उठाए जी रहा हूँ,
दिल दिखाने के काबिल नहीं हूँ,
बँसी वालें बुला ले मुझें भी,
दर पे आने के काबिल नहीं हूँ।bd।
मुझको परवाह नहीं है जमाना,
रूठता है तो रूठे ख़ुशी से,
मुझे डर है ना तुम रूठ जाना,
मुझे डर है ना तुम रूठ जाना,
मैं मनाने के काबिल नहीं हूँ,
Bhajan Diary Lyrics,
बँसी वालें बुला ले मुझें भी,
दर पे आने के काबिल नहीं हूँ।bd।
बंसी वाले बुला ले मुझे भी,
दर पे आने के काबिल नहीं हूँ,
मैं गुनेहगार हूँ माफ़ करना,
सर झुकाने के काबिल नहीं हूँ,
बँसी वालें बुला ले मुझें भी,
दर पे आने के काबिल नहीं हूँ।bd।
गायक – श्री राहुल चौधरी जी।