बांटो बांटो मिठाई मनाओ ख़ुशी,
मुंह मीठा कराओ अवधवासियों,
आज वन से अवध आ रहे है प्रभु,
दिप माला सजाओ अवधवासियों,
बाँटो बाँटो मिठाई मनाओ ख़ुशी।।
तर्ज – जय हो जय हो तुम्हारी जी।
आ रहे राम रावण का संहार कर,
पापी असुरो से धरती का उद्धार कर,
काली कजरारी रजनी अमावस्या की,
इसे रोशन बनाओ अवधवासियों,
बाँटो बाँटो मिठाई मनाओ ख़ुशी।।
माता सीता सहित श्री लखन जामवंत,
वीर हनुमान सुग्रीव अंगद के संग,
बोध लंकापति श्री विभीषण को भी,
अपने पन का कराओ अवधवासियों,
बाँटो बाँटो मिठाई मनाओ ख़ुशी।।
आ रहा राम का राज्य गूंजे ये स्वर,
झूमे ‘कुलदीप’ सरयू की पावन लहर,
पुष्प वर्षा करे देव ‘देवेंद्र’ संग,
धरती माँ को सजाओ अवधवासियों,
बाँटो बाँटो मिठाई मनाओ ख़ुशी।।
बांटो बांटो मिठाई मनाओ ख़ुशी,
मुंह मीठा कराओ अवधवासियों,
आज वन से अवध आ रहे है प्रभु,
दिप माला सजाओ अवधवासियों,
बाँटो बाँटो मिठाई मनाओ ख़ुशी।।
स्वर – देवेंद्र पाठक जी।