बनवारी गिरधारी,
अब राखो लाज हमारी,
लाज ही है अब मुझ निर्धन की,
जीवन पूँजी सारी,
बनवारीं गिरधारी,
अब राखो लाज हमारी।।
सरे बाज़ार में आज ऐ बाबा,
लुट रही लाज हमारी,
चुप बैठे दीनो के नाथ तुम,
फिकर नहीं क्या हमारी,
अब तो हमको मोहन बस एक,
आस लगी है तुम्हारी,
बनवारीं गिरधारी,
अब राखो लाज हमारी।।
तेरे द्वार पे ओ सांवरिया,
आते है लाज के मारे,
मेरी लाज का तू रखवाला,
तुझको ही आज पुकारें,
तू भी जो अनसुनी करेगा,
कौन सुनेगा हमारी,
बनवारीं गिरधारी,
अब राखो लाज हमारी।।
रागी की लाज पे जब जब आई,
दौड़े हो तुम ही कन्हैया,
बिन पतवार के डूब गई जो,
दरश की लाज की नैया,
कहाँ गए तेरे मोहन पगली,
पूछेगी दुनिया सारी,
बनवारीं गिरधारी,
अब राखो लाज हमारी।।
बनवारी गिरधारी,
अब राखो लाज हमारी,
लाज ही है अब मुझ निर्धन की,
जीवन पूँजी सारी,
बनवारीं गिरधारी,
अब राखो लाज हमारी।।
Singer – Amit Kalra ‘Meetu’