पैदल पैदल चाला,
बापिणी धाम चाला,
बापिणी मेहोजी रो धाम,
सगला हिलमिल चला।।
बापिणी धाम प्यारी है,
मेहोजी री महिमा भारी है,
दाता मंगलिया सिरदार,
सगला हिलमिल चला।।
संग में डीजे बाजे है,
दादोसा के भगत नाचे है,
सगला बोल रिया जयकार,
सगला हिलमिल चला।।
बाकर सिंह आवे है,
भाणु ने साथै लावे है,
भानु रो नखत सिंह है नाम,
सगला हिलमिल चला।।
‘ममता कच्छावा’ गावे है,
जैसलसर गांव बतावे है,
दाता कृषि पूर्ण काम,
‘बजरंग कच्छावा’ बोले।।
पैदल पैदल चाला,
बापिणी धाम चाला,
बापिणी मेहोजी रो धाम,
सगला हिलमिल चला।।
लेखक – बजरंग कच्छावा।
9079370651
स्वर – ममता कच्छावा।
जैसलसर नोखा।