बरसाना जाना है,
लौट कर घर नहीं आना है,
जहाँ बिराजे मेरी श्यामा,
जहाँ बिराजे मेरी श्यामा।।
बरसाने की मोरकुटी भी प्यारी है,
जहाँ बिराजे मेरे मोर बिहारी है,
है दिनों की सरकार,
हमें करती कितना प्यार,
इतनी दयालु मेरी श्यामा,
बरसाना जाना हैं,
लौट कर घर नहीं आना है,
जहाँ बिराजे मेरी श्यामा,
जहाँ बिराजे मेरी श्यामा।।
बरसाने की परिक्रमा जो लगाते है,
मुँह मांगी वो वैसी मुरादे पाते है,
है प्यारा गहवरबन,
वहां मिलेगा बांका सनम,
इतनी दयालु मेरी श्यामा,
बरसाना जाना हैं,
लौट कर घर नहीं आना है,
जहाँ बिराजे मेरी श्यामा,
जहाँ बिराजे मेरी श्यामा।।
जबसे तेरे दर पे आना सीखा है,
दुनिया का हर रस लगता अब फीका है,
है ‘माधवी’ भी बलिहार,
मेरा जीवन दिया संवार,
इतनी दयालु मेरी श्यामा,
बरसाना जाना हैं,
लौट कर घर नहीं आना है,
जहाँ बिराजे मेरी श्यामा,
जहाँ बिराजे मेरी श्यामा।।
बरसाना जाना है,
लौट कर घर नहीं आना है,
जहाँ बिराजे मेरी श्यामा,
जहाँ बिराजे मेरी श्यामा।।
स्वर – माधवी जी शर्मा।