बरसाने की शोभा निराली हो गई,
चलो भानु घर कीरति के लाली हो गई,
बरसानें की शोभा निराली हो गई।।
देन बधाई चले लोग लुगाई,
बाजत वेणु शंख शहनाई,
आज सगरे री ब्रज में दिवाली हो गई,
चलो भानु घर कीरति के लाली हो गई,
बरसानें की शोभा निराली हो गई।।
नाचत भानु संग नंदराय,
कीरति यशोदा भाग मनाए,
आज दौवन के घर की उजियारी हो गई,
चलो भानु घर कीरति के लाली हो गई,
बरसानें की शोभा निराली हो गई।।
चिर जीवे किरत की राधा,
राधा गोविन्द ने याही को आराधा,
आज रसिको की जीवन रसाली हो गई,
चलो भानु घर कीरति के लाली हो गई,
बरसानें की शोभा निराली हो गई।।
बरसाने की शोभा निराली हो गई,
चलो भानु घर कीरति के लाली हो गई,
बरसानें की शोभा निराली हो गई।।
स्वर – भैया कृष्ण दास जी।