बस रयो बालो रे सालासर गाँव में,
धन तेरी अंजनी माई धन तेर नाम ने।।
बाल समय में बालो गोदी बेठ्यो मात की,
पूरब दिशा में लाली देखी प्रभात की,
मार के फलांग पकड्यो उगतोड़े भान ने।।
भरी सभा म जद बिड़ो फेरयो राम जी,
सिया जी की सुधि ल्यांणों बड़ो क्लडो काम जी,
अंजनी दुलारों झट चाब गयो पान ने।।
तनै है शरम तेर माता के दूध की,
लंका में पूंच्यो बालो सागर से कुदकी,
सिया को दरश कर भज्यो राम नाम ने।।
सिया की गोदी म गेरी राम की सहनाणी रे,
कुण पंछी बोले ऐसी मीठी मीठी बाणी रे,
मुखड़ो दिखादे बाला आज्या मेर सामने।।
माता का हुकम लेकर मीठा फल खा लिया,
लंका न जलाय कर दुश्मना न ढा लिया,
सिया को संदेशों ल्याय दीन्हो श्री राम ने।।
लक्ष्मण क मुरछा आई शक्ति की पीड़ में,
राम कहे बाबा म्हारे आडो आयो भीड़ म,
रण में बचायो म्हारे भाई के प्राण ने।।
कपट रच्यो जद कपटी अहिरावण,
राम लखन ने लेग्यो भेंट चढावण,
देवी की देही जद धारी हनुमान ने।।
आय के पुजायो बालो गाँव सालासर ने,
सुख और सम्पति करी घर घर में,
“मोहन”पुकार करे सुणो खोंल कान ने।।
बस रयो बालो रे सालासर गाँव में,
धन तेरी अंजनी माई धन तेर नाम ने।।
Upload By – Jitendra Sharma
9549065373