ब्यूटीफुल दरबार गया,
चरणों में लोट मैं,
मने बाबा प्यारा लागे,
बैठा लाल लंगोट में।।
लाल लंगोटा हाथ में सोटा,
ह्रदय में श्री राम बसं,
बाल जति रुद्र अवतारा,
कण कण में हनुमान बसं,
अपने भगत के धौरः बालाजी,
खड़ा सपोर्ट में,
मन्ने बाबा प्यारा लागे,
बैठा लाल लंगोट में।।
चितवन मुखड़ा नैन कटीले,
सब देवो तं न्यारा स,
भूले तं भी भूलया जाना,
रूप मेरे मन भा रहा से,
बाल रूप का फोटो देखु,
कर कर ओट में,
मन्ने बाबा प्यारा लागे,
बैठा लाल लंगोट में।।
दांये शिव और बांये रघुवर,
सोना सा दरबार सजा,
दुनिया के महां अमर बाला जी,
फर फर फरके लाल धज्जा,
संकट बैरी मुँह खोले से,
पहली चोट में,
मने बाबा प्यारा लागे,
बैठा लाल लंगोट में।।
सोनू भगत मगन रहे,
भक्ति के महां,
कौशिक जी भी गुण गान करे,
जा लगन रहे भक्ति के महां,
अशोक भगत भी पावे,
कोनया खोट में,
मन्ने बाबा प्यारा लागे,
बैठा लाल लंगोट में।।
ब्यूटीफुल दरबार गया,
चरणों में लोट मैं,
मन्ने बाबा प्यारा लागे,
बैठा लाल लंगोट में।।
गायक – नरेंद्र कौशिक।
प्रेषक – राकेश कुमार खरक जाटान
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