बीरा रे कोई नहीं थारो,
झुठे जग रे माय,
आखिर में जाणों ऐकलो।।
ओ भीरा रे काई करे,
गोरा रो गुमान,
आखिर में होसी काला कोयला,
ओ भीरा रे काई करे,
माया रो अभिमान,
मरिया तो तोड़े तागड़ी।।
ओ भीरा रे काई करे,
जवानी रो जोर,
मरिया तो दुजा लेजसी,
ओ भीरा रे काई करे,
काया रो अभिमान,
बुढ़ापे पड़सी झुरियां।।
ओ भीरा रे काई करे,
थारो मारो आज,
बेटा भी आखिर बाळसी,
ओ भीरा रे,
दोय दिनां रो तु अटे मेहमान,
ऐ धरिया रेवेला माळिया।।
ओ भीरा रे ओछी उमर में,
करले भलाई वालो काम,
आगोतर आडो आवसी,
ओ भीरा रे लेले लेले,
सांवरिया रो नाम,
जीवन से मुक्ति पावसी।।
बीरा रे कोई नहीं थारो,
झुठे जग रे माय,
आखिर में जाणों ऐकलो।।
Singer – Bhagirath Khichar
प्रेषक – ओमप्रकाश गोदारा।
6378742263