बीती जाए रे उमरिया,
भजन बिना,
हरि भजन बिना,
प्रभु भजन बिना,
बीती जाये रे उमरिया,
भजन बिना।।
बालापन खेलन में खोयो,
कियो बड़ी नादानी,
आई जवानी की मनमानी,
चाल चले मस्तानी,
सीधी चले ना डगरिया,
भजन बिना,
बीती जाये रे उमरिया,
भजन बिना।।
मनचाही शादी कर बेटा,
बहु ब्याह कर लाए,
हाथ पकड़ के चले अकड़ के,
कुल मर्यादा गवाए,
घूमे शहर और बजरिया,
भजन बिना,
बीती जाये रे उमरिया,
भजन बिना।।
चंद रोज में बेटा बेटी,
ससुर दामाद कहाए,
बेटा से बन गए बाप,
अब बाबा का नंबर आए,
झुक गई बाबा की कमरिया,
भजन बिना,
बीती जाये रे उमरिया,
भजन बिना।।
एक दिन राम नाम सत हो गया,
हो गई खत्म कहानी,
सगे संबंधी रोए बाबा,
बोल सके ना वाणी,
बंद हो गई रे नजरिया,
भजन बिना,
बीती जाये रे उमरिया,
भजन बिना।।
बीती जाए रे उमरिया,
भजन बिना,
हरि भजन बिना,
प्रभु भजन बिना,
बीती जाये रे उमरिया,
भजन बिना।।
स्वर – संत श्री सुरेशानंदजी।
प्रेषक – आशीष कुमरावत
6260018043
Bhaut acha tha