बैगा बैगा आओ गजानंद,
ओ थारी खूब करा रे मनुहार,
पधारों म्हारा गजानंद।।
पार्वती के पुत्र गजानंद,
थे तो शिव के राज दुलार,
पधारों म्हारा गजानंद।।
घी सिंदूर रो चोलो चढ़ावा,
ओ थारे चांदी रो करा श्रृंगार,
पधारों म्हारा गजानंद।।
लडुवन को थारे भोग लगावा,
ओ थाके फूला रो पहनावा हार,
पधारों म्हारा गजानंद।।
रणतभवर का प्यारा गजानंद,
ओ थाकु पूजे जग संसार,
पधारों म्हारा गजानंद।।
रिद्धि सिद्धि संग में लावो,
शिव पार्वती संग आओ,
पधारों म्हारा गजानंद।।
‘अ क जांगिड़’ दास पुराणों,
थे तो भक्ता की करो पूरी आश,
पधारों म्हारा गजानंद।।
बैगा बैगा आओ गजानंद,
ओ थारी खूब करा रे मनुहार,
पधारों म्हारा गजानंद।।
– गायक / लेखक / प्रेषक –
अशोक कुमार जांगिड़।
9828123517
सवाई माधोपुर राजस्थान।