बेल आईजी री बांधो भाई,
दोहा – कांकण काचो सूत रो,
तार ग्यारह ताम,
गांठ ग्यारह फाबता,
बांधिजे श्री आई नाम।
हाथ जीमणे पुरूष रे,
औरत गले अनुप,
देवी अवतार नौ,
अति हित चित चूप।
डोरो आई माता रो,
साचो बाँधे जोय,
मन चाहा कारज सरे,
विघ्न न व्यापे कोय।
बेल आईजी री बांधो भाई,
बेल आईजी री बांधो भाईं,
नेम धर्म सब पालो भाई,
नेम धर्म सब पालो भाई,
बेल आईजी री बांधो भाईं।।
प्रथम झूठ तजो सुख पाई,
प्रथम झूठ तजो सुख पाई,
दूजो तो मद मांस छुडाई,
दूजो तो मद मांस छुडाई,
बेल आईजी री बांधो भाईं।।
तीजो धन पर ब्याज न लेवो,
तीजो धन पर ब्याज न लेवो,
चौथो जुआ मत खेलो भाई,
चौथो जुआ मत खेलो भाई,
बेल आईजी री बांधो भाईं।।
पंचम माता पिता की सेवा,
पंचम माता पिता की सेवा,
छठे अभ्यागत हो देवा,
छठे अभ्यागत हो देवा,
बेल आईजी री बांधो भाईं।।
सात गुरू की आज्ञा पालो,
सात गुरू की आज्ञा पालो,
आठो पर हित मार्ग चालो,
आठो पर हित मार्ग चालो,
बेल आईजी री बांधो भाईं।।
नव पर नारी को माता जानो,
नव पर नारी को माता जानो,
दस कन्या को धर्म परणावो,
दस कन्या को धर्म परणावो,
बेल आईजी री बांधो भाईं।।
स्वार्थ काज अकर्म न करना,
स्वार्थ काज अकर्म न करना,
गांठ ग्यारह संग मार्ग चलना,
गांठ ग्यारह संग मार्ग चलना,
बेल आईजी री बांधो भाईं।।
हाथ पुरूष ओर गले लुगाई,
हाथ पुरूष ओर गले लुगाई,
बांधो बेल कहो जय आई,
बांधो बेल बोलो जय आई,
बेल आईजी री बांधो भाईं।।
जय आई श्री अम्बे माई,
जय आई श्री अम्बे माई,
देव दनुज सब तेरो यश गाई,
देव दनुज सब तेरो यश गाई,
बेल आईजी री बांधो भाई।।
बेल आईजी री बांधो भाई,
बेल आईजी री बांधो भाईं,
नेम धर्म सब पालो भाई,
नेम धर्म सब पालो भाई,
बेल आईजी री बांधो भाईं।।
गायक – दीपक पंवार।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818