बेले आवे भक्तों रे हेले आवे,
मायड़ मोतीयों वाली,
भक्तों रे हेले आवे।।
मालीजी आवे फुलड़ा ल्यावे,
रंग बिरंगे फूलों सु,
दरबार सजावे।।
प्रजापत आवे दिलवा ल्यावे,
माजीसा रे देवल माई,
जगमग जोत जलावे।।
सखिया आवे माजीसा रे मेहन्दी ल्यावे,
झिणी झिणी मेहन्दी,
माजीसा रे हाथा सोहवे।।
सेवक आवे माजीसा रे चुंदड़ी ल्यावे,
कर सोला सिणगार,
माजीसा दर्श दिखावे।।
ढोलीजी आवे माजीसा रे ढोल बजावे,
तेरस वाली रात,
माजीसा रमवा आवे।।
प्रजापत गावे मगाराम प्रजापत गावे,
माजीसा रे शरणों माई,
शिश निभावें।।
बेले आवे भक्तों रे हेले आवे,
मायड़ मोतीयों वाली,
भक्तों रे हेले आवे।।
लेखक – मगाराम प्रजापत सनावड़ा।
LMP Marwadi Music
9783332681