भादरवा री बीज ने घर घर गूंजे,
रूनीचा में एक तारो,
रामाधणी ने सिवरे ज्यारो,
सफल हुवो जमारो,
बोलो रे भई पीरा री जय जयकार,
रामदेव पीरा री जय जयकार,
रूणिचा राय री जय जयकार।।
आंधा ने दी आँखीया ने,
गूंगा ने दी वाणी,
चीर धोरां ने निकालीयो जाने,
अमृत जेडो पानी,
है भगती रो रस पिवनीयो,
ओ भगती रो रस पिवनीयो,
नर शरण दास होयो थारो,
बोलो रे भई पीरा री जय जयकार,
रामदेव पीरा री जय जयकार,
रूणिचा राय री जय जयकार।।
सत्य री सीव मे असत्य न चाले,
एडो तो दुख दीजो,
शब्द कयाने बन गयो ज्यु,
खारो लून भी मीठो,
सात लाख री राख बनी ने,
सात लाख री राख बनी,
भगत बणीयो बिन्जारो,
बोलो रे भई पीरा री जय जयकार,
रामदेव पीरा री जय जयकार,
रूणिचा राय री जय जयकार।।
चोर घणी चतुराई करे,
पन पत्तो नाही हिल पावे,
दूध रो दूध पानी रो पानी,
रूनीचा मे हो जावे,
हंस बसे जद बगुला नैना,
हंस बसे जद बगुला नैना,
कोई न पूछन वालो,
बोलो रे भई पीरा री जय जयकार,
रामदेव पीरा री जय जयकार,
रूणिचा राय री जय जयकार।।
भगती रो मार्ग जाता,
मिलकर ने जन साचा,
जात पात रा भेद भाव तो,
जो तरसे जन काचा,
मतवालो धणी भाव रो,
मतवालो धणी भाव रो,
सत्त राखे वो भगता रो,
बोलो रे भई पीरा री जय जयकार,
रामदेव पीरा री जय जयकार,
रूणिचा राय री जय जयकार।।
भादरवा री बीज ने घर घर गूंजे,
रूनीचा में एक तारो,
रामाधणी ने सिवरे ज्यारो,
सफल हुवो जमारो,
बोलो रे भई पीरा री जय जयकार,
रामदेव पीरा री जय जयकार,
रूणिचा राय री जय जयकार।।
गायक – महेंद्र सिंह जी राठौर।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818