भगत बुलावे बेगा,
आवो मारा धनिया,
आवो रामा धनिया,
नुगरा का सिर पे भाला,
की मारो अणीया।।
राग – आसावरी।
सत वाली डोर,
पवन वाली तानिया,
मेटो मारा आळ जाळ,
आप रेवो बनिया।।
ब्रह्म स्वरूपी दाता,
बंगलो जो बनियों,
दसों ओ दिसा में,
लंबो चौडा तनियो।।
अणि ओ बंगला में,
अलख जी री धुनिया,
बाली ओ भेष बताई,
मारा धनिया ओ जी।।
अणि ओ बंगला में,
एक तपसिडो तापे,
बिना ओ दीपक जठे,
होवे उजियारा ओ जी।।
पदम् गुरु जी माने,
परवानी मिलिया,
चरणा में राख उबारो,
मारा धनिया ओ जी।।
भगत बुलावे बेगा,
आवो मारा धनिया,
आवो रामा धनिया,
नुगरा का सिर पे भाला,
की मारो अणीया।।
गायक – जगदीश ओर राजु जुगलबंदी।
प्रेषक – चारभुजा साउंड जोरावरपुरा।
9460405693