सांवरिया रे मंदिर माही,
ढोल नगाड़ा बाजे राज,
भगत घणा ये नाचे सांवरा,
थारोडे दरबार।।
कुण तो सजाया सांवरिया ने,
कुण तो किया सोलह सिणगार,
फूलव प्यारा लागे देखो,
ये नंद जी का लाल,
सांवरिया रे मंदिर माही,
ढोल नगाड़ा बाजे राज,
भगत गणा ये नाचे सांवरा,
थारोडे दरबार।।
शीश मुकुट पीतांबर सोहे,
और गले वैजयंती माल,
तुर्रा जलके ओ सांवरिया,
मोर मुकुट रे माई,
सांवरिया रे मंदिर माही,
ढोल नगाड़ा बाजे राज,
भगत गणा ये नाचे सांवरा,
थारोडे दरबार।।
केसर बरणो रूप प्रभु को,
मुख मोत्या सु चमके राज,
काना माही कुंडल दमके,
कमरिया सजी कटारी राज,
सांवरिया रे मंदिर माही,
ढोल नगाड़ा बाजे राज,
भगत गणा ये नाचे सांवरा,
थारोडे दरबार।।
थे ठाकुर में चाकर थारो,
मत वे ओडो डोडो नाथ,
देव दीन गरीब हु दाता,
हाथ पकड़ मत छोड़ो राज,
सांवरिया रे मंदिर माही,
ढोल नगाड़ा बाजे राज,
भगत गणा ये नाचे सांवरा,
थारोडे दरबार।।
सांवरिया रे मंदिर माही,
ढोल नगाड़ा बाजे राज,
भगत घणा ये नाचे सांवरा,
थारोडे दरबार।।
गायक – देव शर्मा आमा।
8290376657