भगत थारो दुरा से आयो,
रे सावरिया दुरा से आयो,
दर्शन दो मारा सेठ सावरिया,
दर थारे आयो।।
थारे कारण ओ सावरिया,
मुरली ले आयो,
ओ सावरिया मुरली ले आयो,
दर्शन दो मारा सेठ सावरिया,
दर थारे आयो।।
थारे कारण ओ सावरिया,
मुकुट भी लायो,
वो सावरिया मुकुट भी लायो,
दर्शन दो मारा सेठ सावरिया,
दर थारे आयो।।
थारे कारण ओ सावरिया,
बागा भी लायो,
वो सावरिया बागा भी लायो,
दर्शन दो मारा सेठ सावरिया,
दर थारे आयो।।
देव थारो लिख लिख गायो,
इने तारो,
रे सावरिया इने थे तारो,
सेठा को तु सेठ जगत को,
काई बिगड़े थारो।।
भगत थारो दुरा से आयो,
रे सावरिया दुरा से आयो,
दर्शन दो मारा सेठ सावरिया,
दर थारे आयो।।
गायक – देव शर्मा आमा।
8290376657