भागीरथ ले आया तुमको,
हो गई अमर कहानी।
दोहा – राम सम नहीं धीरता,
लक्ष्मण सम नहीं वीर,
सीता सम नहीं भार्या,
और गंगा सम नहीं नीर।
सवैया – गंग तरंग प्रवाह भयो,
तब कूप को नीर पियो न पियो,
जिनके हृदय रघुनाथ बसे,
तिन और को नाम लियो न लियो।
कर्म प्रभाव सुपात्र मिले,
कुपात्र को दान दियो न दियो,
कवी गंग कहे सुन शाह अकबर,
मूरख मित्र कियो न कियो।
भागीरथ ले आया तुमको,
हो गई अमर कहानी,
गंगा रानी जय हो गंगा रानी,
जय हो गंगा रानी,
जय हो गंगा रानी।bd।
मैया विष्णु चरण में तू आई,
मैया शिव की जटा में समाई,
भागीरथ के पीछे पीछे,
पीछे पीछे आई,
गंगे रानी जय हो गंगे रानी,
जय हो गंगे रानी,
जय हो गंगे रानी।bd।
मैया जो कोई तुझने नहावे,
मैया पाप सभी मिट जावे,
जनम जनम के पाप कटे है,
जो पीवे तेरा पाणी,
गंगे रानी जय हो गंगे रानी,
जय हो गंगे रानी,
जय हो गंगे रानी।bd।
मैया बड़े बड़े पापियों को तारे,
मैया कैसे कैसे फंद छुड़ाएं,
भागीरथ के कुल को तारा,
हो गई अमर कहानी,
गंगे रानी जय हो गंगे रानी,
जय हो गंगे रानी,
जय हो गंगे रानी।bd।
मैया ‘शर्मा’ तेरा गुण गाए,
मैया चरणों में शीश झुकावे,
एक बार दर्शन दे दो मैया,
दिल में यही है ठानी,
Bhajan Diary,
गंगे रानी जय हो गंगे रानी,
जय हो गंगे रानी,
जय हो गंगे रानी।bd।
भागीरथ ले आया तुमकों,
हो गई अमर कहानी,
गंगा रानी जय हो गंगा रानी,
जय हो गंगा रानी,
जय हो गंगा रानी।bd।
स्वर – रमेश जी दाधीच।