भगवान कृष्ण के दर्शन को,
शिवजी गोकुल में आये हैं,
शिवजी गोकुल में आये हैं,
शंकर गोकुल में आये हैं
भगवान कृष्ण के दरशन को,
शिवजी गोकुल में आये हैं।।
कर में त्रिशूल बाघम्बर ओढ़े,
अंग बिभूति रमाये हैं,
बोले भिक्षा देदो माता,
नंद जी घर अलख जगाये हैं,
नंद जी घर अलख जगाये हैं,
नंद जी घर अलख जगाये हैं,
नंद जी घर अलख जगाये हैं,
बोले भिक्षा देदो माता,
नंद जी घर अलख जगाये हैं,
भगवान कृष्ण के दरशन को,
शिवजी गोकुल में आये हैं।।
हट रस्ते नंदरानी बोली,
आओ में बालक नही लाने की,
मेरा बालक देख डरेगा,
नजर लगे कोई रांडन की,
हट रस्ते योगेश्वर बोले,
वो बालक नही डरने का,
तीन लोक को वो डरपादे,
ऐसा बालक हैं तेरा,
भगवान कृष्ण के दरशन को,
शिवजी गोकुल में आये हैं।।
कर उवार फेर जंतर मंतर,
लाला को बाहर ले आयी,
शिव को देखकर श्याम हंसे,
और शिवजी भी मुस्काये हैं,
भगवान कृष्ण के दरशन को,
शिवजी गोकुल में आये हैं।।
ये मधुर मिलन सब ने देखा,
देवी देवताओ ने धन्य कहा,
हुई गगन से फूलों की वर्षा,
मोहन ने गोविंद गुण गाये हैं,
भगवान कृष्ण के दरशन को,
शिवजी गोकुल में आये हैं।।
भगवान कृष्ण के दर्शन को,
शिवजी गोकुल में आये हैं,
शिवजी गोकुल में आये हैं,
शंकर गोकुल में आये हैं
भगवान कृष्ण के दरशन को,
शिवजी गोकुल में आये हैं।।
गायक – श्री अमरचन्द सोनी।
प्रेषक – विशाल सोनी।
9928125586
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