भागवत मुक्ति की दाता,
भवसागर की नौका है,
कृष्ण मिलन का मौका है ये,
राम मिलन का मौका है।।
देखे – श्री भागवत भगवान की है आरती।
ब्रम्हाजी बीज दियो नारद ने,
नारद वृक्ष लगायो है,
वेदव्यास जी करी है पालना,
दीन्हा मुनि शुकदेव ने जी,
कृष्ण मिलन का मौका है ये,
राम मिलन का मौका है।।
भागवत जी के द्वादश डाला,
तीन सौ पैंतीस टहनी है,
अठारह हजार साखा कहिजे,
पान पुषब बिन गिनती का जी,
कृष्ण मिलन का मौका है ये,
राम मिलन का मौका है।।
कहे परिक्षित सुनो मुनीजी,
किन्ह बिध परगट कीन्ही है जी,
जिन्ह बाँची तिन्ह मोहि बताओ,
फेर न पावौं मौका है जी,
कृष्ण मिलन का मौका है ये,
राम मिलन का मौका है।।
बरनत सुकमुनि सुनो परिक्षित,
गंगा के घाट बँचाई है जी,
गऊकरन धुँधुकारी कारन,
सपताह बाँच सुनाई है जी,
कृष्ण मिलन का मौका है ये,
राम मिलन का मौका है।।
ग्यान विराग भगति का बेटा,
ज्यांने परगट देखी है जी,
सब मिल देवी देवता पधास्या,
कृष्ण नाम धुन लागी है जी,
कृष्ण मिलन का मौका है ये,
राम मिलन का मौका है।।
सहस अठासी रिषियन्ह माहीं,
सोहत मुनि सुकदेव है जी,
हाथ जोड़कर करी है प्रार्थना,
चरनाँ सीस नवाया है जी,
कृष्ण मिलन का मौका है ये,
राम मिलन का मौका है।।
सात दिनाँ तक सुनी परिक्षित,
सुनकर ध्यान लगाया है जी,
बैठ विमान बैकुण्ठ सिधास्या,
फूलाँ मेह बरषाया है जी,
कृष्ण मिलन का मौका है ये,
राम मिलन का मौका है।।
जो भागवत सुने नर नारी,
मुकती भगती पावे है जी,
कृपा करो श्रीकृष्ण मुरारी,
पार करो अब नौका है जी,
कृष्ण मिलन का मौका है ये,
राम मिलन का मौका है।।
भागवत मुक्ति की दाता,
भवसागर की नौका है,
कृष्ण मिलन का मौका है ये,
राम मिलन का मौका है।।
स्वर – पण्डित बजरंग जी व्यास।
किशनगढ 9799992268
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