भैरव दादा तेरे सिवा,
कहो कौन हमारा है।
दोहा – जितना दिया मेरे दादा ने,
उतनी मेरी औकात नही,
ये तो करम है मेरे दादा का,
वरना मुझमे ऐसी कोई बात नही।
एक आस तुम्हारी है,
विश्वास तुम्हारा है,
तूने ही तो लाखों का,
जीवन ये सँवारा है,
मझधार में नैया है,
एक तू ही किनारा है,
भैरव दादा तेरे सिवा,
कहो कौन हमारा है,
एक आस तुम्हारी है,
विश्वास तुम्हारा है।।
दोहा – तेरे करम से सलामत है जिंदगी,
और अगर करम नही दादा,
तो कयामत है जिंदगी।
एक बार चले आना,
भैरव देव चले आना,
ये प्रीत का बंधन दादा,
भूल न जाना,
मेरी अर्जी न ठुकराना,
एक बार चले आना।।
दोहा – है भेरू देव तेरी रहमतो का दरिया,
कुछ इस कदर चल रहा है,
मुझे भीख मिल रही है,
मेरा नाम चल रहा है।
तुमसे न छुपी मेरी,
जीवन की कहानी है,
मेरी मुसीबत को,
अब तुम्हे सुलझानी है,
‘दिलबर’ किशन को तू,
प्राणों से भी प्यारा है,
पारिख भरत को तू,
प्राणों से भी प्यारा है,
भैरव देवा तेरे सिवा,
कहो कौन हमारा है,
एक आस तुम्हारी है,
विश्वास तुम्हारा है।।
एक आस तुम्हारी है,
विश्वास तुम्हारा है,
तूने ही तो लाखों का,
जीवन ये सँवारा है,
मझधार में नैया है,
एक तू ही किनारा है,
भैरव दादा ओ तेरे सिवा,
कहो कौन हमारा है,
एक आस तुम्हारी है,
विश्वास तुम्हारा है।।
गायक – किशन गोयल बालोतरा।
लेखक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365