भज गोविन्दम भज गोपाला,
भजले बन्दे हरि हरि,
ॐ नाम का पी ले प्याला,
करनी करले खरी खरी।।
मुक्ति का बस सार यही है,
इसके बिन उद्धार नहीं है,
ज्ञान की गंगा का ले पाला,
होजा जिंदगी हरी भरी,
ॐ नाम का पी ले प्याला,
करनी करले खरी खरी।।
छोड जगत का काला धंधा,
मत होवे माया में अंधा,
खोल ले प्राणी घट का ताला,
तेरी चिंता सारी मरी मरी,
ॐ नाम का पी ले प्याला,
करनी करले खरी खरी।।
पग पग पे ये सुनी कहानी,
ये दुनिया सब आनी जानी,
भक्ति का रंग अजब निराला,
इस में नैया तरी तरी,
ॐ नाम का पी ले प्याला,
करनी करले खरी खरी।।
‘सुरेन्द्र सिंह’ ईश्वर अविनाशी,
कर चिंतन हो दुर उदासी,
बन जाए वो तेरा रूखाला,
जो तूने माला करी करी,
ॐ नाम का पी ले प्याला,
करनी करले खरी खरी।।
भज गोविन्दम भज गोपाला,
भजले बन्दे हरि हरि,
ॐ नाम का पी ले प्याला,
करनी करले खरी खरी।।
गायक / लेखक – सुरेन्द्र सिंह निठौरा।
9999641853