झूठी दुनिया से मन को हटा के,
प्रभु चरणों में नेह लगा के,
भज रामसिया भज रामसिया,
भज राम सिया मनवा,
भज राम सिया मनवा।।
तर्ज – तुझे प्यार से देखने वाला।
जग में आकर राम को भूला,
माया में उलझा,
लोभ मोह के जाल मे फंसकर,
जीवन उलझा,
अब भी बिगड़ा नहीं कुछ भाई,
जपले आठो याम रघुराई,
भज रामसिया भज रामसिया,
भज राम सिया मनवा।।
दशरथ नन्दन राम जिनके,
मन में समाए,
पाप ताप संताप उनके,
पास ना आए,
मिटे जीवन का अंधियारा,
मिले जीवन में सुख सारा,
भज रामसिया भज रामसिया,
भज राम सिया मनवा।।
झूठी दुनिया से मन को हटा के,
प्रभु चरणों मे नेह लगा के,
भज रामसिया भज रामसिया,
भज राम सिया मनवा,
भज राम सिया मनवा।।
गायक – विद्याकान्त झा।
9931244994