भजन बिना जम चोरडा लुटे,
जन्म लीदा ज्याने मरना पडसी,
काल नगारो कुटे,
भजन बिना जम चोरड़ा लुटें।।
काया मारी अटल भरिजे,
तीन गुलाब जल छूटे,
भाला री गम रोल मासजे,
अबे न्यावटो टूटे,
भजन बिना जम चोरड़ा लुटें।।
जम राजा का हेला पडसी,
नाड़ खड़ाखड़ टूटे,
रुक जावे सास दसे दरवाजे,
प्राण पलक मे छूटे,
भजन बिना जम चोरड़ा लुटें।।
नरक कोठ पर गणो भुकतावे,
काल कागला टीसे,
भाला री गम रोल मासजे,
काल कली चंद लुटे,
भजन बिना जम चोरड़ा लुटें।।
धर्मराज की भरी कसेड़ी,
दो वकील वटू उठे,
आडो टेढ़ो मति नाल जे,
अबे न्यावटो टूटे,
भजन बिना जम चोरड़ा लुटें।।
भाई रे भतीजा कुटुंब कबिला,
राम रूठीया सब रूठे,
मछन्दर प्रतापजादी गोरख बोले,
वाता हारी हुजे,
भजन बिना जम चोरड़ा लुटें।।
जन्म लीदा ज्याने मरना पडसी,
काल नगारो कुटे,
भजन बिना जम चोरडा लुटे,
भजन बिना जम चोरडा लुटे।।
गायक – वरदानाथ जी महाराज।
प्रेषक – प्रभु लाल गुर्जर।
9909709728