भजनो की गलियों में,
कहीं तू मुझे मिल जाए,
मैं तुझसे लिपट जाऊं,
तू मुझसे लिपट जाए,
तुमसे मिलकर भगवन,
मैं ऐसा रम जाऊं,
मैं तुझमे समा जाऊं,
तू मुझमे समा जाए,
भजनो की गलियों मे।।
तर्ज – अखियों के झरोखों से।
यादों में तेरी प्यारे,
दिल मेरा धड़कता है,
स्वांसों की सरगमों पर,
तेरा नाम मचलता है,
स्वांसों का क्या कहना,
कब स्वांस सिमट जाए,
मैं तुझसे लिपट जाऊं,
तू मुझसे लिपट जाए,
भजनो की गलियों मे।।
जीता हूँ तेरी आस में,
मुझे तेरा भरोसा है,
आकर मुझे बता ज़रा,
तुझे किसने रोका है,
ब्रह्माण्ड के नायक हो,
मुझे घेरे विकट साये,
मैं तुझसे लिपट जाऊं,
तू मुझसे लिपट जाए,
भजनो की गलियों मे।।
माधुर्य भरा तुझमे,
सर्वांग रसीले हो,
करुणा भरी तुझमे,
प्रभु भक्तों के वसीले हो,
‘नंदू’ ये ही प्रिय बातें,
मुझे तेरे निकट लाये,
मैं तुझसे लिपट जाऊं,
तू मुझसे लिपट जाए,
भजनो की गलियों मे।।
भजनो की गलियों में,
कहीं तू मुझे मिल जाए,
मैं तुझसे लिपट जाऊं,
तू मुझसे लिपट जाए,
तुमसे मिलकर भगवन,
मैं ऐसा रम जाऊं,
मैं तुझमे समा जाऊं,
तू मुझमे समा जाए,
भजनो की गलियों मे।।
Singer – Neetu Gupta
Lyricist – Shri Nand Kishor Sharma ‘Nandu Ji‘