भक्त मनावे श्याम जनमदिन,
होता उत्सव भारी से,
भेजेगा मेरा श्याम बुलावा,
मेरी पक्की यारी से।।
मेरा जबसे मेल हुआ है,
ये जगत लगे केवल सपना,
पहले था फिरा भटकता,
अब जग में नाम हुआ अपना,
जब श्याम संवारे भाग्य मेरा,
तो फिर कैसी लाचारी से,
भेजेगा मेरा श्याम बुलावा,
मेरी पक्की यारी से।।
गगंगाजल से नहलाओ,
और तिलक लगाओ चंदन का,
रत्न जड़ित बागा हो,
मेरे श्याम मौरवी नंदन का,
प्यारा लागे रूप श्याम का,
भेजेगा मेरा श्याम बुलावा,
मेरी पक्की यारी से।।
जब डेट फिक्स सब होगी,
और फिट होंगे प्रोग्राम सभी,
कैसे होये सजावट,
और कैसे सिंगार सभी,
देख सजावट मंडप की,
फिर सुध भूले नर नारी से,
भेजेगा मेरा श्याम बुलावा
मेरी पक्की यारी से।।
एक सुंदर केक मँगाओ,
फिर कर लो सारी तैयारी रे,
जब केक सांवरा काटे,
तब खुश हो संगत सारी रे,
‘माही’ नाचे झूम झूम के,
तुम गीत खुशी के गाओ रे,
भेजेगा मेरा श्याम बुलावा
मेरी पक्की यारी से।।
भक्त मनावे श्याम जनमदिन,
होता उत्सव भारी से,
भेजेगा मेरा श्याम बुलावा,
मेरी पक्की यारी से।।
Singer – Kumar Vijay