भगति दोरी रे,
भगति वाली बातां,
करबो सोरी रे,
भक्ति दोरी रे।।
सन्यासी विश्वासी निर्गुणी,
गोरख विष्णु कबीरी रे,
जेनी कुण्डा दादू कांचल्या,
ब्रह्म अघोरी रे,
भक्ति दोरी रे।।
मीरां बाई कुड़की गांव की,
रतन जी की छोरी रे,
भक्ति का प्रताप से,
पी गई जहर कटोरी रे,
भक्ति दोरी रे।।
धन्ना भगत के निपजी तूमड्यां,
कोई मोटी कोई फोरी रे,
हीरा पन्ना की साख निपजादी,
भर भर बोरी रे,
भक्ति दोरी रे।।
करमा के घर खायो खींचडो,
धाबल ओले गिरधारी रे,
नामदेव को छपरो छायो,
खींची ढोरी रे,
भक्ति दोरी रे।।
राम नाम अनमोल रत्न धन,
नहीं हो ईंकी चोरी रे,
रह भैरव तू राम भजन मे,
मत कर देरी रे,
भक्ति दोरी रे।।
भगति दोरी रे,
भगति वाली बातां,
करबो सोरी रे,
भक्ति दोरी रे।।
गायक – रामकुमार जी मालुणी।
प्रेषक – रमेश निरंजन।
9829120430
https://youtu.be/-b1Z09rIxeI