भक्ति लक्खा भगत की प्यारी,
सांवरिया पावना आ गया।।
लखा भगत जी गाया चराता,
बागुंड छापर माय,
गाय चराता ने सपनो आयो,
मूर्तिया जमी के माय,
भक्ति लखा भगत की प्यारी,
सांवरिया पावना आ गया।।
तीन मूर्तिया निकली जमी मु,
सांवरिया जी सेठ,
एक मूर्ति बागुंड लेग्या,
दूजी भादसोड़ा माय,
अरे तिजी मूर्ति मंडफिया नगरी,
ज्यारी महिमा अपरंपार,
भक्ति लखा भगत की प्यारी,
सांवरिया पावना आ गया।।
मूर्तिया लेकर आया लखा जी,
परेंडी में बिठाय,
पल पल में मारी सहाय करता,
पल दुखड़ा मिटाय,
भक्ति लखा भगत की प्यारी,
सांवरिया पावना आ गया।।
झूलनी ग्यारस को मेलो लागे,
मंडफिया नगरी माय,
हाथी घोड़ा रंग गुलाला,
बाजा बैंड बजाय,
भक्ति लखा भगत की प्यारी,
सांवरिया पावना आ गया।।
बबलू शर्मा की अर्ज विनती,
सुन ज्यों कृष्ण मुरार,
पूरण गुर्जर भजना में वो गावे,
मारी नैया पार लगाय,
भक्ति लखा भगत की प्यारी,
सांवरिया पावना आ गया।।
भक्ति लक्खा भगत की प्यारी,
सांवरिया पावना आ गया।।
गायक – पूरण जी गुर्जर।
प्रेषक – बबलू शर्मा भीलवाड़ा।
9950186676