भक्ति और शक्ति के दाता,
रामचरण से जिनका नाता,
म्हारा बजरंगबली,
म्हारा बजरंगबली।।
तर्ज – नदिया चले चले रे धारा।
राम बिना जिनको कुछ भी ना ध्यावे,
राम में हरदम जो ध्यान लगावे,
राम करे जो भी बजरंग कराएं-२,
पर ना कभी दिल में अभिमान लाए,
म्हारा बजरंगबली,
म्हारा बजरंगबली।।
जिसके हो सर प्रभु कर हमेशा,
ऐसा ना सेवक अभी तक है देखा,
प्राण ना प्यारे प्रभु जिनको प्यारे-२,
ऐसे ही है यह पवन के दुलारे,
म्हारा बजरंगबली,
म्हारा बजरंगबली।।
रावण को ललकारा लंका में जाकर,
लक्ष्मण बचाए थे पर्वत उठाकर,
रामजी जिनको भरत सम बताएं-२,
काल भी है जिनसे आंख चुराए,
म्हारा बजरंगबली,
म्हारा बजरंगबली।।
राम की भक्ति का मार्ग बता दो,
बाधा अनेकों इन्हें तुम हटा दो,
राम से कैसे मिलन हो हमारा-२,
‘श्याम’ कहे कर दो कारज हमारा,
म्हारा बजरंगबली,
म्हारा बजरंगबली।।
भक्ति और शक्ति के दाता,
रामचरण से जिनका नाता,
म्हारा बजरंगबली,
म्हारा बजरंगबली।।